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January to March 2024 Article ID: NSS8470 Impact Factor:7.60 Cite Score:31084 Download: 248 DOI: https://doi.org/11 View PDf
सुविधायुक्त उत्सव आयोजन का पर्याय - इवेंट मेनेजमेंट
डाॅ. कलिका डोलस
प्राध्यापक (गृहविज्ञान) शासकीय कन्या महाविद्यालय, सीहोर (म.प्र.)
प्रस्तावना-
भारत एक उत्सवप्रिय देश है। भारतवर्ष में प्रतिवर्ष/प्रतिमाह कोई ना कोई बड़ा उत्सव
होता है एवं माह में भी अनेक छोटे-मोटे उत्सव होते हैं। उत्सवों में भी प्राचीन भिन्नता
देखने को मिलती है। भारतीय जनता धर्मभीरू है। इसलिए हर धर्म में अनेक उत्सव होते हैं
जिनमें से हिंदू धर्म में तो प्रकृति के बदलते स्वरूप के साथ-साथ विभिन्न उत्सवों का
आयोजन होता है। जिसे भारतीय जनमानस पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाता है। साथ ही
हिंदू धर्म में मानव के जन्म से मृत्यु तक 16 संस्कार बताएं गए हैं, जिनका आयोजन करना
ही हर हिंदू परिवार का कर्तव्य है। यह सभी पर्व या उत्सव देश की संस्कृति एवं समृद्धि
का भी प्रतीक है। त्यौहारों से जीवन की नीरसता दूर होकर उल्लास का संचार होता है। त्यौहार
या उत्सव अपने आप में पवित्रता व सात्विकता की भावना को संजोए हुए रहते हैं, जिससे
समाज में भी पवित्रता का वातावरण बनता है एवं असामाजिक कार्यों में कमी आती है। उत्सव
के बहाने मिलने जुलने से आत्मीयता बढ़ती है एवं राग द्वेष मिटते हैं जिससे दुर्भावना
में कमी आती है एवं सभी जन हमारे अपने हैं यह भावना विकसित होती है अतः उत्सव एवं अपराध
दर का आपसी संबंध है जहां अपनापन है वहां अपराध नहीं होने एवं इस अपनेपन को बढ़ाने में
उत्सवों का विशेष योगदान रहता है।














