• January to March 2024 Article ID: NSS8472 Impact Factor:7.60 Cite Score:11752 Download: 152 DOI: https://doi.org/13 View PDf

    भारतीय अर्थव्यवस्था 2024 की चुनौतियाँ

      डाॅ. प्रवीण ओझा
        प्राचार्य, डाॅ. बी.एल.पी. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महू (म.प्र.)

  • प्रस्तावना- सामाजिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें धन सम्बन्धी क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है, उसे अर्थशास्त्र कहा जाता है। वस्तुओं अथवा सेवाओं का उत्पादन, वितरण, विनिमय, उपभोग आदि इसकी प्रमुखतः विषयवस्तु होती है। अर्थशास्त्र का व्यवहारिक पक्ष अर्थव्यवस्था कहलाता है। किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित आर्थिक गतिविधियां यथा उत्पादन, उपभोग, विनिमय, वितरण, राजस्व आय, बजट, अर्थ नियोजन जैसे समस्त संबंधित आर्थिक तत्व इसमें सम्मिलित होते है। भारतीय अर्थव्यवस्था के जनक चाणक्य या कौटिल्य को माना जाता है जिनका मूल नाम विष्णुगुप्त था। चाणक्य रचित ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र में राज्य की अर्थव्यवस्था के विविध पक्षों की व्यापक मीमांसा द्वारा एक आदर्श एवं व्यवहारिक अर्थव्यवस्था का चित्र प्रस्तुत किया गया है। 2023 में जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान पाने वाली भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आर्थिक उदारीकरण एवं आर्थिक सुधार के खुले वातावरण में तथा गत वर्षो के ग्राम नियोजन एवं सटीक आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप भारत विश्व की महान आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर आया है एवं विश्व अर्थव्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रभाव का भी विस्तार हुआ है।