• January to March 2024 Article ID: NSS8474 Impact Factor:7.60 Cite Score:35007 Download: 263 DOI: https://doi.org/15 View PDf

    वित्तीय समावेशन - लक्ष्य एवं चुनौतियाँ

      डाॅ. शैलप्रभा कोष्टा
        प्राध्यापक (अर्थशास्त्र विभाग) शासकीय महाकोशल कला एवं वाणिज्य स्वशासी महाविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.)

प्रस्तावना- वित्तीय समावेशन वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने के अवसरों की उपलब्धता और समानता है यह ऐसी प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा व्यक्ति और व्यवसाय उचित, किफायती और समय पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच सकते है जिनमें बैंकिंग, ऋण, इक्विटी और बीमा उत्पाद शामिल है, कहने का तात्पर्य है कि यह घरेलू आय में सुधार और आय असमानता को कम करने की दिशा में बैंक रहित आबादी की बचत, निवेश और बीमा के साधनों तक पहुंचने में सक्षम बनाकर आर्थिक विकास में समावेशिता को बढ़ाने का एक मार्ग है।

            वित्तीय समावेशन शब्द को 2000 के दशक की शुरूआत में ही महत्व मिल गया है यह वित्तीय बहिष्करण की पहचान का परिणाम है और विश्व बैंक के अनुसार इसका गरीबी से सीधा संबंध है।