• January to March 2024 Article ID: NSS8475 Impact Factor:7.60 Cite Score:31612 Download: 250 DOI: https://doi.org/17 View PDf

    मूल्य आधारित शिक्षा का उद्देश्य और मानव विकास के बहुआयाम में समालोचना

      डाॅ. नरेन्द्र कुमार हनोते
        सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुलताई, जिला बैतूल (म.प्र.)
      डाॅ. रीमा नागवंशी
        सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिवनी मालवा जिला नर्मदापुरम (म.प्र.)
  • शोध सारांश- शिक्षा विकास की प्रथम सीढ़ी है। विकास एक निरंन्तर प्रक्रिया है, जो प्रत्येक चरण पर समाज के विभिन्न पहलूओं में अपना योगदान देती है। यही योगदान आने वाले भविष्य को अभिव्यक्त करता है कि मौजूदा समाज, राज्य, देश, के उन्नती का मार्ग किस ओर प्रषस्त हैं। भारत 21वी शताब्दी में मूल्य परख शिक्षा, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्र भक्ति एवं विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करने के लिए मूल्य आधारित शिक्षा को अपनाना आवश्यक है। पिढ़ीदर पिढ़ी शिक्षा प्रदान करना और जीवन मूल्यों को सिखाना एक बहूत ही कठिन कार्य है। आज समाज में जो परिदृष्य देखने को मिलते है जिनके लिए मानव की आत्मा पीढ़ित होती है जिन्हे हम विभिन्न प्रकार के गैर-संवैधानिक रूप से किये गये कृत्यों को एकीकृत करके देखते है इनका एक ही सफल कारण है, कि समाज, और सभ्यता में विभिन्न दशकों से वर्तमान तक विकास में तो परिलच्छित होता है। किन्तु समाजिक मूल्यों का हृास उससे ज्यादा दिखाई पढ़ रहा है। जिसका कारण अन्ततोगत्वा यह कहना कि समाज में मूल्य आधारित शिक्षा का अंगीकरण कम हो रहा है कहना उचित होगा। उपरोक्त शोध पत्र में अध्ययनकर्ता के द्वारा मूल्य आधारित शिक्षा का उद्देश्य एवं उनका विभिन्न आयामों में कौनसे समालोचनात्मक कार्यो का उक्त शोध पत्र में विवेचन किया गया है।

    शब्द कुंजी-मूल्य आधारित शिक्षा, नैतिक शिक्षा, सांस्कृतिक शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति, व्यक्तित्व विकास।