-
January to March 2024 Article ID: NSS8485 Impact Factor:7.60 Cite Score:9596 Download: 137 DOI: https://doi.org/32 View PDf
पर्यटन – पर्यावरण और रोजगार
डॉ. जयकुमार सोनी
प्रध्यापक (वाणिज्य) शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर (म.प्र.)
प्रस्तावना- आज विश्व अर्थव्यवस्था
को नई मंजिलें प्रदान करने में पर्यटन उद्योग की महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण भूमिका है
। इसलिए दुनिया भर में पर्यटन को बड़े उद्योग के रूप में उभर जा सकता है। इससे न
केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिल रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की
पहल भी
जोरदार तरीके से हो रही है। पर्यटन से रोजगार स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा
है और एक दूसरे की भाषा,
संस्कृति , सभ्यता और रीति रिवाजों
को जानने समझाने का अवसर भी इसके माध्यम से मिल रहा है । यानी पर्यटन विश्व
बंधुत्व अथवा वासुदेव कुटुंबकम की अवधारणा को भी सार्थक करता नजर आ रहा है ।
पर्यटन से इंसान को अतिरिक्त खुशी
मिलती है, इसलिए शायद प्राकृतिक सुरम्यता तथा सौंदर्य को निहार
कर स्वास्थ्य लाभ के लिए इंसान कभी पर्वतीय, दर्शनीय स्थलों पर जाने को उत्सुक
नजर आता है तो कभी धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर राहत,संतोष व सुख की अनुभूति
महसूस करता है । विभिन्न भाषा,
साहित्य, लोक जीवन एवं
सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से भी यात्राएं की
जाती हैं। इस सब यात्राओं को पर्यटन में
शामिल किया जाता है । यह अब उद्योग का रूप ले चुका है और विदेशी मुद्रा प्राप्ति
का प्रमुख स्रोत बन गया है ।
पर्यटन के जरिए प्राकृतिक विरासत को
बचाने का जो अभियान प्रारंभ किया गया है इससे सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक विकास
की तेजी को कायम रखा जा सकेगा। पर्यावरण पर्यटन को उद्योग के रूप में उभरने के लिए
पर्यटन का प्रबंधन और प्रकृति का संरक्षण इस प्रकार से किया जाता है ताकि
परिस्थितिकी आवश्यकताओं का संतुलन बना रहे और लोगों की रोजगार की ज़रूरतें पूरी
होती रहे।किसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 1998 में परिस्थितिकी
पर्यटन पर नीति और दिशा निर्देश तैयार कर दिए थे। इस नीति में प्राकृतिक संसाधनों
का संरक्षण,
सुरक्षा
और समृद्ध बनाने के अलावा परिस्थितिकी पर्यटन की वृद्धि के प्रयासों में तेजी लाने
की बात कही गई है। इसके अंतर्गत देशभर में देशभर में पर्यटन केंद्रों,होटलों, लॉज एवं रिसोर्ट
स्थापित करने की योजना भी शामिल है ।