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January to March 2024 Article ID: NSS8496 Impact Factor:7.60 Cite Score:18493 Download: 191 DOI: https://doi.org/48 View PDf
लघु एवं संक्रमणशील नगरीय क्षेत्रों में स्थित कृषि उपज मण्डीयों की आय एवं व्यय का तुलनात्मक अध्ययन (राजगढ़ एवं विदिशा जिले के विशेष संदर्भ में)
मुकेश शाक्यवार
सहायक प्राध्यापक, ने.सु.बोस शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा एवं शोधार्थी,विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)डाॅ.सुनील आडवानी
सहायक प्राध्यापक, बाल कृष्ण शर्मा नवीन शासकीय महाविद्यालय, शाजापुर (म.प्र.)
शब्द
कुंजी- लघु नगरीय क्षेत्र - नगर पालिका क्षेत्र,
संक्रमण नगरीय क्षेत्र - नगर पंचायत क्षेत्र कृषि उपज मण्डी- वह संस्था जहाॅ शासन की
निगरानी में कृषि उपजों का क्रय विक्रय किया जाता है।
प्रस्तावना-
वर्तमान में 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर
निर्भरता रखती है। अल्पकालीन निवेश पर आधारित होने के कारण जोखिम अधिक होती है। कृषकों
को कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए विविध प्रकार से मार्गदर्शन किया जाता है। कृषि के अंतर्गत
खेती के अतिरिक्त पशुपालन, उद्यानिकी, वानिकी तथा कृषि प्रसंस्करण शामिल किया जाता
है, यह निजी क्षेत्र का बड़ा भाग होता है। इसी परिपेक्ष में कृषि के विकास के लिए एक
कुशल वितरण प्रणाली आवश्यक है इस कार्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका संगठित कृषि
उपज मण्डियां निभा सकती हैं। कृषि उपज मण्डी विभिन्न प्रकार की कृषि उपज के लिए व्यावसायिक
एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख भूमिका तय करती है। जहां कृषक
वर्गों द्वारा अपनी उपज को विपणन हेतु लाया जाता हैं, जिसके लिए व्यापारियों को उपज
खरीदने का अवसर प्रदान किया जाता है। कृषि उपज मण्डी में कृषि उपज के विपणन के साथ-साथ
अन्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियां तथा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस प्रकार कृषि
उपज के लिए पर्याप्त बाजार संभावनाएं तय करने के साथ-साथ उपज के तौलने, नीलामी उपज
का श्रेणीकरण तथा वर्गीकरण इत्यादि के साथ-साथ कृषक वर्गों को उपज का उचित मूल्य प्राप्त
करने में महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। इस प्रकार कृषि उपज मण्डी परिसर में विभिन्न प्रकार
के संसाधनों की एवं संसाधनों के साथ-साथ सुविधाओं के बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के
व्ययों का प्रावधान किया जाता है।