• January to March 2024 Article ID: NSS8507 Impact Factor:7.60 Cite Score:20247 Download: 200 DOI: https://doi.org/59 View PDf

    यात्रा साहित्य का सामाजिक-सांस्कृतिक अवलोकन: अजय सोडाणी के दर्रा-दर्रा हिमालय के विशेष संदर्भ में

      दिनेश कुमार
        शोधार्थी (हिंदी) मानविकी संकाय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
  • शोध सारांश- मनुष्य का मानवीय जीवन ही सामाजिक जीवन के रूप में प्रस्तुत होता है। इसी प्रकार एक स्थान पर रहने वाले व्यक्तियों का समाज जब एक ही रीति, विश्वास एवं एक ही प्रकार के आदर्श सामने रखता है तब संस्कृति का जन्म होता है। संस्कृति का संबंध मनुष्य के सामाजिक जीवन से हैं। सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से प्रारंभिक काल से ही विश्व की विभिन्न सभ्यताएं परिपूर्ण रही है। यात्रा वृतांतकारों ने विभिन्न स्थानों की यात्रा कर स्थान विशेष के सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को पाठकों के समक्ष दृश्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया है। इन स्थानों के प्राकृतिक सौंदर्य, भौगोलिक विशेषता, सामाजिक ताना-बाना, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत का अनुभव आदि सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रस्तुत करते है। प्रस्तुत शोध में अजय सोडानी के यात्रा वृतांत दर्रा-दर्रा हिमालय का विभिन्न आधारों पर सामाजिक-सांस्कृतिक अवलोकन किया गया है।

    शब्द कुंजी- यात्रा वृतांत, प्राकृतिक सौंदर्य, समाज, संस्कृति, सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश, विविधता इत्यादि।