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January to March 2024 Article ID: NSS8572 Impact Factor:7.60 Cite Score:28675 Download: 238 DOI: https://doi.org/ View PDf
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के दार्शनिक विचार एवं वर्तमान संर्दभमें इनकी प्रासंगिकता का अध्ययन
मीनाक्षी
शोधार्थी, शिक्षा विभाग, वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली (राज.)डॉ. महेश कुमार गंगल
शोध निर्देशक एवं सह आचार्य, शिक्षा विभाग, वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली (राज.)
शोध सारांश- ‘मिसाइल मैन’ के नाम से
विख्यात भारत के महान वैज्ञानिक एवं 11वीं राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को
वैश्विक मंच पर एक वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है, परंतु इस
बात का बोध बहुत कम लोगों को है कि डॉ. अब्दुल कलाम के वैज्ञानिक मस्तिष्क के पीछे
आध्यात्मिक विचार भी छिपे हुए हैं। वह एक महान् वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक धार्मिक
प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। यद्यपि उनकी धार्मिकता में वैज्ञानिकता की झलक देखने को मिलती
है। वर्तमान शोध पत्र में डॉ. अब्दुल कलाम के इन्हीं दार्शनिक विचारों को उद्धृत किया
गया हैं। उनकी यह दार्शनिक विचार वर्तमान पीढ़ी के विद्यार्थियों एवं युवाओं को विज्ञान
के साथ-साथ धर्म एवं संस्कृति से जोड़ते हुए, उन्हे सत्कर्म की ओर ले जाने का मार्ग
प्रशस्त करते हैं।
शब्द कुंजी- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम,
दार्शनिक विचार, प्रसंगिकता।














