• January to March 2024 Article ID: NSS8581 Impact Factor:7.60 Cite Score:4980 Download: 98 DOI: https://doi.org/ View PDf

    झाबुआ जिले में कृषि विकास एवं भूमि उपयोग प्रतिरूप परिवर्तन: एक भौगोलिक विश्लेषण

      राधुसिंह भूरिया
        शोधार्थी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)राधुसिंह भूरिया
        शोधार्थी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
      डाॅ. आर.आर. गोरास्या
        सह-प्राध्यापक, शासकीय माधव कला वाणिज्य एवं विधि महाविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
  • शोध सारांश-  प्रस्तुत शोध कार्य में कृषि विकास एवं भूमि उपयोग में परिवर्तन में एवं कृषि उत्पादकता भूमि उपयोग व अन्य प्रभावों को देखा गया। तथा इसके उत्पादन में वृद्धि का पता लगाकर कृषि विकास हेतु सुझााव प्रस्तुत किये गए हैं। अतः प्रस्तुत शोध कार्य कृषि विकास एवं भूमि उपयोग से संबंधित होने के कारण इसकी कृषि विकास की उपयोगिता प्रत्येक क्षेत्र में रहेंगी। इस अध्ययन की उपयोगिता कृषि विकास किसानों के लिये तो रहेगी, साथ ही जिले में कृषि के क्षेत्र में सिंचाई के साथ-साथ कृषि विकास एवं उद्योगिक क्षेत्र को भी मजबुत करनें एवं रोजगार में वृद्धि एवं कृषि विकास एवं भूमि उपयोग में भी सहायता मिल सकेंगी।

           प्रस्तुत अध्ययन क्षेत्र मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले पर आधारित है। झाबुआ जिला मध्यप्रदेश के पश्चिम भाग में स्थित है। यह जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जिला है। अध्ययन क्षेत्र का अक्षांशीय एवं देशान्तरीय विस्तार 22°-24’  से 23°-55’  उत्तरी अक्षांश तथा 73°-30’ से 75°-30’’ पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। यह क्षेत्र उबड-खाबड एवं पहाडी क्षेत्र हैं। इस जिले की सीमाएं उतर में रतलाम तथा दक्षिण में अलीराजपुर, पश्चिम में गुजरात एवं पूर्व में धार जिले को स्पर्श करती हैं। जिले की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 10,25,048 है।