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April to June 2024 Article ID: NSS8596 Impact Factor:8.05 Cite Score:19792 Download: 197 DOI: https://doi.org/ View PDf
आदर्श की प्रतिमूर्ति राम
यशवंत काछी
शोधार्थी, तुलनात्मक भाषा एवं संस्कृति अध्ययनशाला, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (म.प्र.)डॉ. राजेंद्र सिंह
विभागाध्यक्ष, तुलनात्मक भाषा एवं संस्कृति अध्ययनशाला, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (म.प्र.)
शोध सारांश- ईश्वर द्वारा विरचित इस समूचे ब्रह्मांड में
पृथ्वी उस मायापति की सबसे सुंदर रचना है। इस धरा पर मनुष्यों ने कितने ही साध्य
और असाध्य कार्यों को पूरा किया है। इन क्रियाकलापों के कारण एक साधारण सा मनुष्य
महामानव, महापुरुष और महात्मा जैसी संज्ञाओं से विभूषित किया जाता रहा है। आदिम
काल से लेकर वर्तमान काल तक इस धरती पर बहुत से महापुरुषों ने जन्म लिया।
जिन्होंने मानव समाज के लिए कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। इन्हीं महापुरुषों में
से एक ऐसे महामानव का नाम जीवन को सफल बनाने का मंत्र बन गया है। यह महान
व्यक्तित्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम से संपूर्ण विश्व में जाना जाता है।
राम का चरित्र समस्त चराचर के प्राणियों का पथ प्रदर्शक है। राम के चरित को लेकर
कुछ मंदबुद्धि लोगों के द्वारा न जाने कितने ही आक्षेप लगाये गए, फिर भी ऐसे लोग
राम की सुंदर छवि को धूमिल नहीं कर पाए। इसका कारण राम का सुंदर आचरण, उच्च आदर्श
और कल्याणकारी कृत्य हैं।
शब्द कुंजी-आदर्श, मर्यादा, समाज,
आचरण, वर्गभेद।














