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January to March 2024 Article ID: NSS8637 Impact Factor:7.67 Cite Score:7539 Download: 121 DOI: https://doi.org/ View PDf
सराफा व्यापार का ऐतिहासिक व वित्तीय अध्ययन (मध्यप्रदेश राज्य के शाजापुर जिले के विशेष संदर्भ में)
प्रवीण कुमार सोनी
सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य) शासकीय महाविद्यालय, माकड़ोन, जिला उज्जैन (म.प्र.)
शोध सारांश- किसी उत्पाद की खरीद-बिक्री को व्यापार कहा जाता है। व्यापार का मुख्य उद्धेश्य लाभ कमाना होता है। हमारे देश में सीमेंट, कपड़ा, कृषि या अन्य किसी उत्पाद की ही तरह सोने एवं चांदी से निर्मित उत्पादों का भी क्रय-विक्रय किया जाता है। जिस स्थान पर सोने-चांदी से निर्मित उत्पादों की खरीदी एवं बिक्री की जाती है उसे सराफा बाजार कहा जाता है। बहुमूल्य धातुओं में स्वर्ण (सोना) एवं रजत (चांदी) का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। सम्पूर्ण विश्व में स्वर्ण व रजत से बने आभूषणों का विशेष आकर्षण देखा जा सकता है। भारत में भी प्राचीन काल से ही इनका महत्व देखा गया हैं। इतिहास में सोने-चांदी के कारण हुए बड़े-बड़े युद्धों का वर्णन हैं। प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं द्वारा अपने मंत्रियों व नागरिकों को विशेष अवसरों पर उपहार स्वरूप विभिन्न रूपों में सोना व चांदी प्रदान किया जाता था। स्वर्ण व रजत का अधिक मात्रा में स्वामी होना, वर्तमान समाज में प्रतिष्ठा व सम्पन्नता का सूचक माना जाता है। हमारे देश के लगभग प्रत्येक परिवार, चाहे वह अमीर हो या गरीब, उसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संबंध स्वर्ण व रजत व्यापार से है। हमारे देश में विवाह, जन्मदिवस, वर्षगांठ आदि अवसरों पर दिये जाने वाले उपहारों में बहुमूल्य धातुओं के उपहार का विशेष महत्व है। प्रत्येक पिता अपनी बेटी के विवाह हेतु उसके जन्म से ही योजनाएंे बनाने लगता है। इन योजनाओं में बेटी को उपहार स्वरूप दिये जाने वाले सोने-चांदी के आभूषण भी शामिल है। सोने एवं चांदी से निर्मित आभूषणों के क्रय-विक्रय के लिए हमारे देश के लगभग प्रत्येक शहर में एक बाजार उपलब्ध है जिसे सराफा बाजार कहा जाता है। इस बाजार में विभिन्न व्यापारियों द्वारा अपनी पूंजी लगाकर स्वर्ण व रजत से बने आभूषणों व अन्य उत्पादों का व्यापार किया जाता है। इस बाजार में क्रय-विक्रय होने वाले प्रमुख उत्पादों में सोने व चांदी से बने विभिन्न आभूषण व सिक्के शामिल हैं। हमारे देश के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश राज्य के शाजापुर जिले में व जिले के विभिन्न नगरों में भी सराफा बाजार स्थापित हैं। सराफा बाजार का हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। सराफा व्यापारी एवं इस व्यापार के मध्यस्थों द्वारा अनेकों व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जाता है। सोना एवं चांदी अत्यंत मूल्यवान एवं प्रतिष्ठासूचक धातु है। जिसका व्यापार करने के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता होती है इसीलिए वर्तमान में सराफा व्यापार का अधिकांश स्वामित्व पूंजीपतियों के हाथ में है।
शब्द कुंजी- सराफा बाजार, सोना-चांदी, आभूषण, पूंजी, टर्नओव्हर ।














