• April to June 2024 Article ID: NSS8645 Impact Factor:8.05 Cite Score:2047 Download: 62 DOI: https://doi.org/ View PDf

    पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे में आपराधिक न्याय प्रशासन की भूमिका

      डॉ. जयश्री तिवारी
        सहायक प्राध्यापक (विधि) मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय, सीहोर (म.प्र.)
  • प्रस्तावना- अपराध को कानूनी रूप से संरक्षित हित में व्यवधान के रूप में माना जाता है, अर्थात कानून और व्यवस्था का आपराधिक उल्लंघन, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाना शामिल है। यह चोट शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या वित्तीय रूप में हो सकती है। अपराध और समाज दो शब्द एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और अनादि काल से अविभाज्य हैं। अपराध रहित समाज के बारे में सोचना एक मिथक होगा क्योंकि मानव सभ्यता अनादि काल से अपराध की समस्या का सामना कर रही है। वास्तव में अपराध समाज की सबसे बड़ी समस्या है जो किसी भी सभ्य देश के स्वस्थ वातावरण को प्रदूषित करती है और मानव सभ्यता के समय की रेत पर अंधकारमय क्षितिज के साथ काले अमिट निशान छोड़ती है। हालाँकि हाल के दिनों में कई देशों में अपराध दर में जबरदस्त बदलाव आया है। एक अपराध बड़ी संख्या में पीड़ितों को शारीरिक, सामाजिक, वित्तीय या भावनात्मक चोट या नुकसान पहुँचाता है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता होती है।