• April to June 2024 Article ID: NSS8647 Impact Factor:8.05 Cite Score:582 Download: 32 DOI: https://doi.org/ View PDf

    जिनिंग उद्योगो में महिलाओं का स्वास्थ एवं महिलाओं के लिए स्वास्थ्य योजनाएँ

      डॉ. जी.एस. चौहान
        विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खरगौन (म.प्र.)
      अनिता किराडे़
        शोधार्थी (अर्थशास्त्र) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (म.प्र.)
  • प्रस्तावना-  जिनिंग उद्योगो में  निःसंदेह महिला अस्वस्थ होती है, तो इसका दुष्प्रभाव उसके संतान एवं परिवार पर पड़ता है। महिला अस्वस्थता अक्सर गरीबी, अज्ञानता, जागरूकता का अभाव और चिकित्सकीय सुविधा के अभाव में होता है। चूँकि महिला को ही समाज तथा परिवार का आधार कहा जाता है, यदि महिलाएँ ही अस्वस्थ है, तो एक उज्जवल और निरोगी समाज की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। अतः महिला विकास हेतु यह एक अनिवार्य घटक है। अध्ययन का महत्व स्वास्थ्य मानव विकास सूचकांक का एक महत्वपूर्ण सूचक है। आजादी के बाद से ही सरकार के समक्ष महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार एक महत्वपूर्ण चुनौती रहा है। विशेषकर ग्रामीण महिलाओं की जहाँ आज की उचित चिकित्सा का अभाव पाया जाता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या का 48.4 प्रतिशत जनसंख्या महिलाएँ हैं, जिसमें अधिकतर महिलाओं की मृत्यु चिकित्सा के अभाव के कारण होती है। चाहे वह प्रसव के दौरान हो, एच.आई.वी. से संबंधित हो या एनिमिया से ग्रसित हो। यह सच है कि विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। यही कारण है कि जहाँ वर्ष 1947 में जीवन प्रत्याशा 32 वर्ष थी, वह बढ़कर 66 वर्ष चुकी है; लेकिन यह भी सच है आज इस समय स्वास्थ्य पर 1.4 प्रतिशत व्यय किया जा रहा है, जबकि बारहवीं पंचवर्षीय योजना में इस व्यय को 2.5 प्रतिशत करने का प्रावधान है, फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों से काफी पिछड़े है। यह दुर्भाग्य है कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य पर कुल सरकारी व्यय  के 1 प्रतिशत से भी कम है और इसे 2 या 3 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता है। मानव सभ्यता और स्वास्थ्य प्रबंधन का एक अभिन्न अंग है क्योंकि महिलाएँ मानव समाज का लगभग आधा भाग हैं। कई स्वास्थ्य मामलों में महिलाएँ पुरुषों के अनुकूल मानक रखती हैं, जैसेकि स्वास्थ-बर्धक खान-पान या हानिकारक खान-पान के मानक महिलाओं और पुरुषों पर लगभग समान हैं। फिर भी प्रकृति ने जन्म से स्त्री-पुरुष के शरीर और स्वास्थ्य में कई बारीकियाँ और अंतर रखी हैं। तुलनात्मक दृष्टि से एक नवजात लड़की लड़के से अधिक अच्छा स्वास्थ्य रखती है और कम ही बीमार होती है। लड़कियाँ तेज़ी से और महिलाओं का स्वास्थ्य मानव सभ्यता और स्वास्थ्य प्रबंधन का एक अभिन्न अंग है क्योंकि महिलाएँ मानव समाज का लगभग आधा भाग हैं। कई स्वास्थ्य मामलों में महिलाएँ पुरुषों के अनुकूल मानक रखती हैं, जैसेकि स्वास्थ-बर्धक खान-पान या हानिकारक खान-पान के मानक महिलाओं और पुरुषों पर लगभग समान हैं। फिर भी प्रकृति ने जन्म से स्त्री-पुरुष के शरीर और स्वास्थ्य में कई बारीकियाँ और अंतर रखी हैं। तुलनात्मक दृष्टि से एक नवजात लड़की लड़के से अधिक अच्छा स्वास्थ्य रखती है और कम ही बीमार होती है। लड़कियाँ तेज़ी से बड़ती हैं और लड़कों की तुलना में जल्दी ही वयस्क अवस्था में पहुँचती हैं।कों की तुलना में जल्दी ही वयस्क  अवस्था में हैं।