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April to June 2024 Article ID: NSS8657 Impact Factor:8.05 Cite Score:3739 Download: 85 DOI: https://doi.org/ View PDf
भारत में पंचायती राज का उद्गम
कृष्णा राजावत
शोधार्थी, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ ( डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) उदयपुर (राज.)
शोध सारांश- भारत जैसे महादेश में जहाँ
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र स्थापित है। और इतने बड़े लोकतान्त्रिक देश में केवल केन्द्रि
सरकार से यह अपेक्षा नही की जा सकती है की यह समुचे देश कि शासन व्यवस्था का निर्वाह
कर सकेगें चाहे वह कितने ही शक्तिशाली क्यों न हो समस्याएँ भी कई स्तर की होती है,
कुछ राष्ट्रीय स्तर की, कुछ राज्य स्तर की लेकिन कुछ समस्याएँ विशुद्ध स्थानीय होती
है जिनका समाधान धरातल के दृष्टि कोण पर ही निर्भर करता है और यह धरातल की समस्याएँ
और उनका समाधान ही स्थानीय स्वशासन कि संस्थाओं
को जन्म देता है।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचायत के सम्बन्ध में कहा –“यदि हमारी आजादी को जनता की आवाज का प्रतिनिधि बनाना है तो पंचायतो को अधिकाधिक शक्ति सम्पन्न बनाना होगा।‘’
अतः महिलाओं की इन संस्थाओ में क्या वास्तविक भूमिका है पर कई शोध हुए तथा शोध निरंतर जारी है।