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April to June 2024 Article ID: NSS8686 Impact Factor:8.05 Cite Score:21483 Download: 205 DOI: https://doi.org/ View PDf
कृषि तकनीकी के बदलते आयाम
डॉ. गोरा मुवेल
सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर (म.प्र.)
प्रस्तावना- भारत जैसे विकासोन्मुक
देश के आर्थिक विकास के लिए कृषि का विकास आवश्यक है। कृषि-विकास के द्वारा ही ग्रामीण क्षेत्रों की
उन्नति एवं औद्योगिक क अर्थव्यवस्था का
निर्माण संभव है।स्वतंत्रता प्राप्ति के
पश्चात् देश के आर्थिक विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ शुरू की गई।विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में कृषि विकास को
प्राथमिकता प्रदान की गई है। कृषि क्षेत्र में उपलब्ध तकनीकी ज्ञान का बड़े पैमाने
पर उपयोग किया गया, जिससे कृषि उत्पादन एवं कृषकों की आय में वृद्धि हुई है। कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए तृतीय पंचवर्षीय
योजना के प्रारम्भ से विशेष प्रयास किये गए हैं। कृषि विकास की नई नीति के अनुसार चुने हुये जिलों
में कृषि के नये तरीकों का उपयोग करके उत्पादन बढाने की कोशिश की गई। कृषि अनुसन्धान को भी पंचवर्षीय योजनओं में विशेष
महत्व दिया गया। इन योजनाओं का प्रमुख उद्देश्य खाद्यान्न
उत्पादन में आत्म-निर्भर प्राप्त करना था। कृषि में तकनीकी ज्ञान विकास के लिए समय-समय पर अनेक
कार्यक्रम अपनाये गये।
