• January to March 2024 Article ID: NSS8691 Impact Factor:7.67 Cite Score:6204 Download: 110 DOI: https://doi.org/ View PDf

    राजसमन्द जिले में भूमिगत जल की उपलब्धता का भौगोलिक अध्ययन

      बद्रीलाल रेगर
        शोधार्थी (भूगोल) मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
  • शोध सारांश - इस शोधपत्र में राजसमंद जिले के भूमिगत जल संसाधनों का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य जिले में भूमिगत जल की उपलब्धता, उसके विकास और संबंधित समस्याओं की पहचान करना है। शोध परिणाम दर्शाते हैं कि जिले के सभी विकासखंडों में भूजल संसाधनों का अत्यधिक शोषण हो रहा है। वर्ष 2021-22 के दौरान मानसून पूर्व और पश्चात भूजल स्तर में महत्वपूर्ण अंतर देखा गया, जिसमें मानसून के बाद जल स्तर में सुधार हुआ, लेकिन यह सुधार पर्याप्त नहीं था। राजसमन्द जिले के विकासखंडों में वार्षिक पुनःपूर्ति योग्य भूजल संसाधनों की तुलना में जल का ड्राफ्ट (उपयोग) अधिक है, जिससे भूजल विकास का चरण 100 प्रतिशत से अधिक हो गया है। सबसे गंभीर स्थिति राजसमंद विकासखंड में देखी गई, जहां भूजल विकास का चरण 159.24 प्रतिशत तक पहुँच गया। समग्र रूप से, जिले का सकल वार्षिक भूजल ड्राफ्ट पुनःपूर्ति योग्य संसाधनों का 126.73 प्रतिशत है, जिससे स्पष्ट होता है कि जिले में जल संकट की संभावना अत्यधिक बढ़ रही है। यह स्थिति भविष्य में जल संकट की ओर संकेत करती है, जिससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

    शब्द कुंजी - भूमिगत जल, भूमिगत जल की उपलब्धता, भूमिगत विकास, भूमिगत संरक्षण और भूमिगत जल उपभोग।