• July to September 2024 Article ID: NSS8709 Impact Factor:8.05 Cite Score:268554 Download: 732 DOI: https://doi.org/ View PDf

    महात्मा गांधी का नैतिक दर्शन

      राजेश कुमार पालीवाल
        सहायक आचार्य (इतिहास) (विद्यासम्बल योजना) श्री द्वारिकाधीश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजसमन्द (राज.)

शोध सारांश-  गांधी कोई नाम नही विचारधारा है। इस विचार धारा को आगे बढ़ाने का कार्य पोरबन्दर गुजरात में जन्में मोहनदास ने किया उन्होंने न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण विश्व में अपनी विचार धारा को प्रस्तुत किया। उनकी विचारधारा में नैतिकता अपृश्यता तथा रंगभेद नीति प्रमुख थी। परन्तु उनका नैतिक दर्शन अत्यन्त व्यापक है। उन्होंने सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक सभी क्षेत्रों में अपने मौलिक विचार प्रस्तुत किये इनके विचार मानसिक या बौद्धिक स्तर तक ही सीमित नही  अपितु उन्होंने अपने विचारों को जीने का प्रयास किया उनका नैतिक दर्शन गांधीवादी कहलाता है।

शब्द कुंजी- सत्य, अंहिसा, सत्याग्रह, सर्वोदय न्यासधारिता, साधन पवित्रता।