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July to September 2024 Article ID: NSS8715 Impact Factor:8.05 Cite Score:3559 Download: 83 DOI: https://doi.org/ View PDf
राजस्थान के जयपुर जिले की द्रव्यवती नदी जीर्णोद्धार परियोजना के सन्दर्भ में जल प्रदूषण नियंत्रण का विश्लेषणात्मक अध्ययन
डॉ. कीर्ति चैधरी
प्रोफेसर (भूगोल) सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर (राज.)सविता शर्मा
शोधकर्ता (भूगोल) सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर (राज.)
शोध सारांश - पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व जल के बिना असंभव है। जल पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। पृथ्वी पर जल का अस्तित्व नदियों, हिमानियों, झीलों, तालाबों व भूमिगत जल के रूप में है। सदानीरा नदिया मीठे जल स्त्रोत के रूप में प्राचीनकाल से मानव सभ्यता को पोषित करती रही है परन्तु तीव्र गति से बढ़ते नगरीकरण तथा औद्योगिकरण के कारण मानव ने नदियों के प्राकृतिक स्वरूप को प्रदूषित कर दिया है। जल की गुणवत्ता प्राकृतिक परिस्थितियों से भी प्रभावित होती है लेकिन प्रदूषण शब्द से आशय आमतौर पर संदूषण के स्त्रोत के रूप में मानवीय गतिविधियों से है। जल प्रदूषण मुख्य रूप से दूषित अपशिष्ट जल को सतही जल स्त्रोतों में प्रवाहित करने के कारण होता है।
प्रस्तुत शोध पत्र में राजस्थान के जयपुर जिले की द्रव्यवती नदी जीर्णोद्धार परियोजना के सन्दर्भ में जल प्रदूषण की वर्तमान स्थिति तथा आधुनिक तकनीक से जल प्रदूषण नियंत्रण का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया है।
शब्द कुंजी - पारिस्थितिक तंत्र, प्रदूषण नियंत्रण, जीर्णोद्धार परियोजना, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नगरीय एवं औद्योगिक अपशिष्ट, अनुपचारित जल।