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July to September 2024 Article ID: NSS8716 Impact Factor:8.05 Cite Score:1912 Download: 60 DOI: https://doi.org/ View PDf
भील जनजाति की महिलाओं के शैक्षिक विकास में शासकीय योजनाओं के प्रभाव का अध्ययन
डॉ. दीपक गर्ग
शोध निर्देशक, रवीन्द्रनाथ टैगोर श्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.)बरखा अलंसे
शोधार्थी, रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.)
शोध सारांश- आधुनिक समाज में शिक्षा का बहुत महत्व है]इसलिए शिक्षा को अक्सर उज्ज्वल भविष्य की कुंजी कहा जाता है। भारतीय इतिहास में]हम पाते हैं कि गैर-आदिवासी समूह शिक्षा की मदद से लाभान्वित हुए है] लेकिन जनजातियाँ सामाजिक]आर्थिक]सांस्कृतिक रूप से पिछड़ी हुई हैं। भील जनजाति भारत की तीसरी तथा मध्यप्रदेश की पहली बड़ी जनजाति है। आदिवासी समुदायों सहित सभी के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा शुरू की गई अनेक पहलों और कार्यक्रमों को सावधानीपूर्वक डिजाइन और क्रियान्वित किया गया है] जिसका प्राथमिक उद्देश्य भील जनजाति की महिलाओं के लिए उपलब्ध शैक्षिक मानकों और अवसरों को बढ़ाना और उन्नत करना है] जो विशेष रूप से शिक्षा के महत्व के बारे में उनकी चेतना बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं]साथ ही साथ समाज के भीतर उनके समग्र विकास और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करते हैं।यह पत्र मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदायों की शैक्षिक स्थिति पर केंद्रित है]जहां 2011की जनगणना के अनुसार]अनुसूचित जनजाति राज्य की आबादी का 21-1 प्रतिशत 72-62मिलियन में से 15-31मिलियन है। पत्र माध्यमिक डेटा की मदद से किया जाता है जो विभिन्न स्रोतों से एकत्र किए जाते हैं। यह पत्र जनजातियों के बीच शिक्षा से संबंधित समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है।
शब्द कुंजी-
अनुसूचित जनजाति, शिक्षा, शैक्षिक स्थिति।