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January to March 2024 Article ID: NSS8720 Impact Factor:7.67 Cite Score:123 Download: 14 DOI: https://doi.org/ View PDf
मेवाड़ महाराणा अमरसिंह प्रथम (1597ई.-1620ई.) का गौरवान्वित शासनकाल व मुग़ल संघर्ष
माधव लाल अहीर
शोधार्थी (इतिहास) मेवाड़ विश्वविद्यालय,गंगरार, चित्तौड़गढ़ (राज.)
प्रस्तावना- अमर सिंह महाराणा प्रताप
एवं महारानी अजबदे पंवार के ज्येष्ठ पुत्र
थे। उनका जन्म चित्तौड़ में 16मार्च,1559ई.को हुआ,उसी वर्ष उदयपुर में राजमहलों की नींव उनके पितामह महाराणा उदयसिंह ने सूत्रधार राजा के निर्देशन में रखी थी।कुंवर अमर ने 1580ई. में मुग़ल सेना को पराजित
कर सेनापति अब्दुलरहीम खानखाना की बेगमों को शेरगढ़ से पकड़कर प्रताप के समक्ष पेश किया,जिस
पर उन्हें कड़ी फटकार मिली एवं उन्हें अजमेर जाकर उन महिलाओं सहित सम्पूर्ण हरम को खानखाना
से क्षमा मांग कर लौटना पड़ा।खानखाना ने उनके इस अहसान और उत्कृष्ट चरित्र को हमेशा
याद रखा।इन्होंने 1582ई. के दिवेर युद्ध में मुग़ल थानेदार सेरिमाखां के ऐसा गहरा भाला
मारा कि उसके शरीर में से और कोई इसे निकाल ना पाया,तब करुणाशील प्रताप के आदेश पर
मृत्यु के लिए तड़पते सेरिमाखां की छाती पर पैर रखकर अमरसिंह ने ही उसके शरीर से अपना भाला वापस खींचा एवं उस मुग़ल
शत्रु को भी गंगा जल पिलाकर सुखद मृत्यु की ओर उन्मुख किया।