• July to September 2024 Article ID: NSS8721 Impact Factor:8.05 Cite Score:84067 Download: 409 DOI: https://doi.org/ View PDf

    नागार्जुन के काव्य में नारी जीवन

      बबिता कुमारी
        शोधार्थी, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद (झारखंड)

प्रस्तावना- नागार्जुन का साहित्यिक योगदान हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वे एक ऐसे कवि थे जिन्होंने समाज के विभिन्न पहलुओं को अपने काव्य में चित्रित किया, जिसमें नारी जीवन भी शामिल है। नागार्जुन का नारी के प्रति दृष्टिकोण उनके समाजवादी विचारधारा से प्रभावित था, जिसमें उन्होंने नारी को केवल एक पारंपरिक रूप में नहीं बल्कि एक स्वतंत्र और समानाधिकारिता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया।