• July to September 2024 Article ID: NSS8735 Impact Factor:8.05 Cite Score:5561 Download: 104 DOI: https://doi.org/ View PDf

    किशोर बालक-बालिकाओं में फास्ट फूड के प्रति अभिरूचि का अध्ययन (दमोह शहर के संदर्भ में)

      डॉ. आराधना श्रीवास
        सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (गृह विज्ञान) शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय, दमोह (म.प्र.)
  • शोध सारांश- किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जो अपने में एक पूर्ण अवस्था हैं। किशोरावस्था के सम्बन्ध में यह पूर्णता परम्परागत विश्वास रहा है कि किशोरावस्था विकास की एक आन्तरिक अवस्था है। इस अवस्था में बालक के शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक गुणों में परिवर्तन प्रौढ़ावस्था की दिशा में होते है। आधुनिक युग में आज किशोरावस्था के अन्र्तगत भौतिक परिपक्वता के साथ-साथ मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, स्वास्थ्य पर भी अध्ययन किया जाता है। किशोरावस्था में बालक-बालिकाओं  में एक नयापन दिखायी देता है। हमारा अपना देश हो या संसार का कोई भी देश किशोरावस्था को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह सत्य है कि बच्चे देश की नींव है, इस नींव का सृजन उसकी माॅं एवं परिवार के अन्य सदस्यों पर आधारित होता है। वही किशोरावस्था में आकर बच्चे स्वयं का अच्छा बुरा सोचना प्रारम्भ कर देते है। किशोर बालक एवं बालिकाओं के जीवन में फास्ट-फूड की भूमिका अहम होती जा रही है क्योंकि यह उन्हें न केवल स्वादिष्ट भोजन प्रदान करते है बल्कि एक नई प्रकार की स्वतंत्रता और मनोरंजन का स्त्रोत भी बन गया है। प्रस्तुत अध्ययन में दमोह शहर के संदर्भ में किया गया है। जिसमें किशोर बालक-बालिकाओं की फास्ट-फूड की पसंदगी का अध्ययन किया गया।