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July to September 2024 Article ID: NSS8737 Impact Factor:8.05 Cite Score:709 Download: 36 DOI: https://doi.org/ View PDf
अनुसूचित जातियों की राजनीतिक प्रक्रियाओं एवं निर्णय निर्माण में भागीदारीः मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में
डॉ. रमन प्रकाश
एसोसिएट प्रोफेसर (भूगोल) भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (उ.प्र.)लाल कुमार साकेत
शोधार्थी (भूगोल) भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (उ.प्र.)
शोध सारांश- किसी भी क्षेत्र में विकास के दो आयाम होते हैं। वस्तुनिष्ठ तथा व्यक्तिनिष्ठ। वस्तुनिष्ठ आयाम जीवन की गुणवत्ता को इंगित करता है तथा व्यक्तिनिष्ठ आयाम जीवन के मूल्यों, सोचने के तरीके, आत्मविश्वास स्तर और दक्षता शामिल होते हैं। इन दो आयामों के आधार पर विभिन्न समुदायों के लोगों के विभिन्न पहलुओं में देखे जा सकते हैं। प्रस्तुत अध्ययन मध्य प्रदेश राज्य के अनुसूचित जाति की राजनीति के विभिन्न स्तरों पर उनकी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करता है। विशेषकर स्थानीय चुनावो के संदर्भ में। अनुसूचित जाति समूह लंबे समय तक सामाजिक व राजनीतिक अधिकारों से वंचित रहे हैं। अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। इस अध्ययन में पाया गया है कि ये वर्ग राजनीतिक भागीदारी में प्रगति बनाई है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां वे जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है। इस अध्ययन में चुनौतियां भी उजागर हुई है, जिनका उन्हें सामना करना पड़ रहा है, जैसे भागीदारी की कमी, भेदभाव और संसाधनों तक सीमित पहुंच। लेकिन इन चुनौतियों को समाप्त करने के लिए राजनीति भागीदारी, साथ -साथ समाजिक न्याय, समानता के लिए नीतियों और योजनाओं को सही तरीके से लागू करने की आवश्यकता है। जिससे इस समुदाय की राजनीतिक प्रक्रियाओं एवं निर्णय-निर्माण में भागीदारी बढ़ सके।
शब्द कुंजी- राजनीतिक भागीदारी, अनुसूचित जाति, निर्णय-निर्माण, चुनाव वस्तुनिष्ठ, व्यक्तिनिष्ठ सामाजिक न्याय।