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July to September 2024 Article ID: NSS8767 Impact Factor:8.05 Cite Score:35 Download: 6 DOI: https://doi.org/ View PDf
भील जनजाति के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन परआधुनिकीकरण का प्रभाव
डॉ. रणजीत कुमार मीणा
सह आचार्य (समाजशास्त्र) राजकीय महाविद्यालय, ऋषभदेव, जिला उदयपुर (राज.)
शोध सारांश- जहाँ तक जनजातीय क्षेत्रों में आधुनिकीकरण के अंगीकरण का सवाल है, उन्हें आधुनिकीकरण को अपनाने में अभी भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं में यातायात के साधनों की कमी, शिक्षा एवं जागरूकता की कमी, आर्थिक पिछड़ापन एवं सिंचाई के साधनों का अभाव और कृषि उपज मण्डियों एवं बाजारों का दूर होना प्रमुख है। साथ ही जनजातियों के रूढ़िवादी एवं परम्परावादी दृष्टिकांेण के कारण स्थानीय संसाधनों के उपयोग का भरपूर दोहन न कर पाना कारण माना जा सकता है। राजकीय प्रयासों के परिणामस्वरूप लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्हें विशेषकर आधुनिकीकरण का अंगीकरण किया जाना जरूरी है। जनजातीय क्षेत्रों में जिन लोगों ने आधुनिकीकरण को अपनाया है, उन लोगों की स्थिति में सुधार हुआ है। फिर भी स्थानीय हाट बाजार न होने के कारण आर्थिक दशा में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है। प्रस्तुत अध्ययन हेतु राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य जिला उदयपुर का चयनित किया गया है।ग्रामीण जिले के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत भील जनजाति के समस्त परिवारों को अध्ययन के समग्र के रूप में सम्मिलित किया गया है। प्रस्तुत शोध अध्ययन हेतु झाबुआ जिले की पाँच तहसीलों में से (प्रत्येक तहसील से 8 गांव) कुल 40 गांवों को दैव निदर्शन विधि द्वारा चयनित कर अध्ययन में सम्मिलित किया गया। इस हेतु सर्वप्रथम सभी तहसीलों के गांवों की सूची शहर से दूरी के आधार पर तैयार की गयी तत्पश्चात् 20 गांव शहर के नजदीक एवं 20 शहर से दूर स्थित गांवों का चयन दैव निदर्शन संख्या तालिका (Random Number Table) का उपयोग कर की गयी। अध्ययन में चयनित प्रत्येक गांव से 10 भील जनजाति के उत्तरदाताओं का चयन उद्देश्यपूर्ण विधि का प्रयोग कर 200 उत्तरदाता शहर के नजदीक के गांवों से एवं 200 उत्तरदाता शहर से दूर स्थित गांवों से कुल 400 उत्तरदाताओं को चयनित कर अध्ययन में सम्मिलित किया गया। वर्तमान समय में भील जनजाति को राजकीय स्तर पर विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं का लाभ प्रदान कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इन योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ प्राप्त कर भील जनजाति के लोग अपना सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक विकास करने में सक्षम हो रहे हैं। जिसका इनके जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव परिलक्षित होता है। अतः हम कह सकते हैं कि भील जनजाति के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एव राजनैतिक जीवन पर आधुनिकीकरण का प्रभाव सकारात्मक रूप से पड़ रहा है लेकिन आज भी ये लोग अन्य जातियों और जनजातियों की तुलना में विशेष रूप से पिछड़े हुये हैं।
शब्द कुंजी-आधुनिकीकरण, मुख्यधारा, राजकीय
योजनाएॅ, परम्परागत समुदाय, पिछड़ापन, हाट बाजार।