
-
October to December 2024 Article ID: NSS8815 Impact Factor:8.05 Cite Score:8674 Download: 130 DOI: https://doi.org/ View PDf
लोकतंत्र एवं भारतीय लोकतंत्र में महिलाएं
डॉ. श्वेता तेवानी
सहायक प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) पीएमसीओई शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रतलाम (म.प्र.)
अध्ययन पद्धति - प्रस्तुत शोध पत्र में
ऐतिहासिक तुलनात्मक पर्यवेक्षणआत्मक एवं विश्लेषणआत्मक एवं अनुभवआत्मकअध्ययन पद्धति
का उपयोग किया गया है।
शब्द कुंजी-भारतीय समाज,लोकतंत्र,आरक्षण,वर्ण व्यवस्था।
प्रस्तावना- भारतीय शासन व्यवस्था
में लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था को स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारतीय संविधान
के निर्माण के समय अपनाया गया लेकिन भारतीय लोकतंत्र में कुछ बाधाएं थी जिनके कारण
भारतीय लोकतंत्र को पूर्णत: सफल बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ा । सामाजिक व्यवस्था मे वर्ण व्यवस्था
और जाति प्रथा के आधार पर अत्यधिक भेदभाव विद्यमान था । साथ ही महिलाओं की बुरी स्थिति
भारतीय सामाजिक व्यवस्था में विद्यमान थी । जातिगत भेदभाव को दूर कर समाज में समानता
लाने के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण संबंधी प्रावधान किए जिससे कि समाज में पूरी
तरह से समानता स्थापित की जा सके
। लेकिन महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए समानता के मौलिक अधिकार के अलावा
किसी भी प्रकार के विशिष्ट प्रयास नहीं किए गए और इसीलिए आज भी भारतीय समाज में महिलाओं
की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है । महिलाओं की इस स्थिति का कारण पुरुषों की मानसिकता है जो कि
भारतीय महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती है और स्वयं को ऊपरी पायदान पर रखना और देखना
चाहती है ।














