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October to December 2024 Article ID: NSS8819 Impact Factor:8.05 Cite Score:27468 Download: 233 DOI: https://doi.org/ View PDf
अनुसूचित जाति के व्यावसायिक संरचना एवं साक्षरता का प्रभाव:शहडोल संभाग के विशेष संदर्भ में
डॉ. जिया लाल राठौर
भूगोल विभाग, शासकीय महाविद्यालय, जैतपुर, शहडोल (म.प्र.)
शोध सारांश- सामाजिक क्रांति के रूप में उभरे कुछ नये मानकों ने समाज मंे रह रहे विभिन्न प्रकार के वृत्ति से जुड़े लोगों को उनके आर्थिक, सामाजिक जीवन को आधार बनाते हुए विभिन्न वर्ग, उपवर्ग में विभाजित कर उनके जीवनशैली को नवीन आयाम दिया। समाज के पिछड़े और साधन विहीन तथा आर्थिक, शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े लोगों के लिए उनके जीवन को स्वाभाविक और सुखमय बनाने की आकांक्षा शुरू से ही किसी न किसी रूप में रहीं आई। पर इस्लामिक सत्ता काल पश्चात आई ब्रिटिश सत्ता काल में समाज के कुछ लोगों के श्रममूलक कार्यो और अपने जीवन को सुखम तथा स्वाभाविक बनाने के लिए ऐसे कार्यो से जोड़ा गया कि वे शेष समाज से कट कर रहने लगे। सांस्कृतिक परिवर्तन की इस नई पेशकश से भारत के पारंपरिक समाज को समाज के कुछ समुदायों को धीरे-धीरे अलग कर दिया जिस कारण एक लम्बा अंतराल दिखने लगा। इस अंतराल के पीछे श्रममूलक सेवा कार्यो की नई प्रतिबद्धता रही।
शब्द कुंजी- जनसंख्या, व्यावसायिक संरचना, साक्षरता।














