• October to December 2024 Article ID: NSS8820 Impact Factor:8.05 Cite Score:196 Download: 18 DOI: https://doi.org/ View PDf

    चुनावी रेवड़ी की राजनीति : एक अध्ययन

      मनोज अहिरवार
        शोधार्थी, राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय ,उज्जैन (म.प्र.)
  • शब्द कुंजी-चुनाव, रेवड़ी, फ्रीबीज़ , राजनीतिक दल, योजनाएं, जनकल्याण, मतदाता आदि।

    प्रस्तावना- चुनावी रेवड़ी या फ्रीबीज़ यह शब्द वर्तमान राजनीति में प्रमुख रूप से देखने को मिल रहे हैं। रेवड़ी एक प्रकार की भारतीय मिठाई है।रेवड़ी मुख्यतौर पर तिल को चीनी या गुड़ में मिलाकर बनाया जाता है। रेवड़ी का नाम आते ही मुंह में एक मिठास और मन में लोहड़ी जैसी मस्ती घुल जाती है। तिल की वजह से रेवड़ी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है। हालांकि राजनीतिक रेवड़ी का स्वाद इसके ठीक विपरीत होता है। चुनावी वादों के तौर पर वोटरों के बीच बंटने वाली ज्यादातर रेवड़ी, उन्हें कभी नहीं मिलती। सत्ता में आने के बाद वोटरों को लुभाने के लिए जो रेवड़ी बांटी जाती है, उससे सरकारी खजाना खाली होता है। दीर्घकाल में इसका सीधा दुष्प्रभाव बड़ी परियोजनाओं और राज्य के विकास पर पड़ता है।भारत में चुनाव एक तरफ जहां मूलभूत सुविधाओं तथा जनकल्याण के मुद्दों पर लड़े जाते थे, वहीं कुछ समय से एक नया तरीका सामने आया है, जिसे चुनावी रेवड़ी अथवा  फ्रीबीज़ कहते हैं।  फ्रीबीज शब्द सबसे पहले 1920 के दशक में अमेरिकी राजनीति में इस्तेमाल हुआ था। फ्रीबी शब्द का मतलब होता है, कोई ऐसी चीज जो आपको मुफ्त में दी जाती है। भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, फ्रीबीज  की कोई स्पष्ट कानूनी परिभाषा नहीं है। प्राकृतिक  आपदा या महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवाएं, खाना या पैसा मुहैया कराने से लोगों की जान बच सकती है, लेकिन आम दिनों में अगर ये दिए जाएं  तो इन्हें फ्रीबीज कहा जाएगा। इसमें विभिन्न राजनीतिक दल वोट अपने पक्ष में प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की फ्री योजनाएं और लोक लुभावन वादे करते हैं । चुनाव के कुछ दिन पहले ही ऐसी योजनाओं को जनता के बीच में लाया जाता है, और उन्हें अपने पक्ष में वोट करने के लिए आकर्षित किया जाता है। वैसे तो इसकी कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं है, लेकिन चुनाव के कुछ समय पहले राजनीतिक दलों द्वारा जो घोषणाएं की जाती हैं, उनमें से कुछ विशेष प्रकार की योजनाएं होती हैं । जैसे फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री बस यात्रा, कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, फ्री मोबाइल, टीवी ,वाशिंग मशीन इत्यादि। जो जनता को दी जाती हैं। इसके अलावा नगद राशि जो किसी योजना के रूप में जनता को दी जाती है। यह सभी रेवड़ी की श्रेणी में आती हैं। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा या अन्य कोई चुनाव सभी में अब इसका प्रभाव देखने को मिलने लगा है।