• October to December 2024 Article ID: NSS8826 Impact Factor:8.05 Cite Score:202 Download: 18 DOI: https://doi.org/ View PDf

    मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

      सोनेलाल लोधी
        शोधार्थी (राजनीति विज्ञान) लोकप्रशासन एवं मानवाधिकार अध्ययन शाला, विक्रम विश्विद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
  • शोध सारांश-  मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर सेवाएं प्रदान करते हैं और विकास कार्यों को पूरा करते हैं। मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों का गठन मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1956 के तहत किया गया है। इन निकायों का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, जल आपूर्ति, सड़कें बनाना, और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाएं प्रदान करना है। लेकिन, मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें सीमित वित्तीय संसाधन, प्रशासनिक अक्षमता, और भ्रष्टाचार शामिल हैं। इन चुनौतियों के कारण, नगरीय निकायों की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता प्रभावित होती है।   

        इसलिए, मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करना आवश्यक है, ताकि उनकी मजबूतियों और कमजोरियों की पहचान की जा सके और उनकी कार्यक्षमता में सुधार लाया जा सके। इस अध्ययन के माध्यम से,मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली का विश्लेषण करना और उनकी कार्यक्षमता में सुधार करने के लिए सुझाव देना।

    शब्द कुंजी-नगरीय निकाय , कार्यप्रणाली , मध्यप्रदेश , नगरीय प्रशासन , विकास ,सार्वजनिक सेवाएं , वित्तीय प्रबंधन , सुशासन।