• October to December 2024 Article ID: NSS8839 Impact Factor:8.05 Cite Score:49564 Download: 314 DOI: https://doi.org/ View PDf

    निमाड़ी साहित्य की समृद्ध परंपरा

      डॉ. श्रीमती बिन्दू परस्ते
        सहायक प्राध्यापक (हिन्दी) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस श्री अटल बिहारी वाजपेयी, शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इन्दौर (म.प्र.)

प्रस्तावना- निमाड़ी साहित्य की परम्परा अत्यंत समृद्ध रही है। निमाड में वाचिक या त्रुति परम्परा में कथा, गाथा, गीत, नाट्य आदि विविध विधाओं का प्रचुर साहित्य लेाक व्यवहार बना हुआ है। मालवी के समान निमाड़ी लोक -साहित्य में भी श्रंगार ऋतु, व्रत, पर्व, उत्सव श्रम आदि से जुड़े महत्त्वपूर्ण प्रसंगों का समापन हुआ है। कुछ विशेष प्रकार की लोकविधाएं जैसे लावणी, गबलन, डोबरा, डोडबोली पर्वगीत, साँझा फूली, नरवत भीलट देव खम्ब-गम्मत गीत आदि इसे मालवी एवं अन्य निकटवर्ती अंचलों से विलक्षणता देती है।