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October to December 2024 Article ID: NSS8861 Impact Factor:8.05 Cite Score:39 Download: 7 DOI: https://doi.org/ View PDf
भारतीय न्याय पालिका में साक्षी की सुरक्षा
ऋचा अग्रवाल
शोधार्थी , रवीन्द्रनाथ टागोर विश्वविद्यालय ,भोपाल (म.प्र.)
शोध सारांश- “बेंथम” के शब्दों में – साक्षी न्याय के आँख ओर कान होते है| भारतीय न्याय व्यवस्था में साक्षियों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है| भारत में न्यायिक प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को दंडित करना और न्याय को स्थापित करना है। इस प्रक्रिया में साक्षियों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है ,क्योंकि वे घटना के संबंध में अपने अनुभव और जानकारी प्रदान करते हैं, जो न्याय की प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में सहायक होती है। न्यायालयों में गवाही देने वाले व्यक्तियों को विभिन्न रूपों में खतरे का सामना करना पड़ सकता है |भारत में कई बार न्यायालयों में साक्षी अपनी गवाही से मुकर जाते हैं और “शत्रुतापूर्ण” हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला कारण -यह है कि साक्षियों को धमकियाँ दी जाती हैं या उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है जिससे वे गवाही देने से मुकर जाते हैं। इसके अलावा अपराधियों के साथ उनके रिश्ते भय और दबाव भी एक महत्वपूर्ण कारण बनते हैं। कई बार साक्षियों को न्यायालय की प्रक्रिया और इसके परिणामों का डर होता है और वे अपने बयान बदलने का निर्णय लेते हैं। इसके अतिरिक्त साक्षियों को अपर्याप्त सुरक्षा और कानूनी सहायता का अभाव भी एक बड़ा कारण है| भारतीय न्याय प्रणाली में साक्षियों का विद्रोही होना एक गंभीर समस्या बन गई है, जिसे हल करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यह लेख भारतीय न्याय पालिका में साक्षी की सुरक्षा के महत्व विभिन्न सुरक्षा उपायों और कानूनी द्रष्टिकोण को विस्तार से बताता है। इसके साथ ही यह भी संकेत करता है कि साक्षी की सुरक्षा को लेकर न्यायालयों में और अधिक सुधार की आवश्यकता है ताकि न्याय प्रणाली में विश्वास बना रहे और अपराधों को रोकने में सफलता प्राप्त हो सके।
शब्द कुंजी -
साक्षी , साक्षी संरक्षण स्कीम ,अपराध, आपराधिक न्याय प्रणाली |