• April to June 2024 Article ID: NSS8862 Impact Factor:8.05 Cite Score:359 Download: 25 DOI: https://doi.org/ View PDf

    उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला 2016 के आयोजन में प्रशासनिक प्रबंधन की भूमिका

      मोनिया यादव
        शोधार्थी, राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
      डॉ. वीरेन्द्र चावरे
        सहायक प्राध्यापक, राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
  • शोध सारांश- सिंहस्थ कुंभ मेला 2016 के आयोजन में प्रशासकीय प्रबंधन की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। यह मेला हर 12 वर्षों में उज्जैन नगर में आयोजित होता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अपितु सांस्कृतिक और खगोल शास्त्रीय दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह आयोजन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व में धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक प्रतिष्ठित है।प्रस्तुत शोध पत्र में कुंभ मेला के ऐतिहासिक, धार्मिक और खगोलशास्त्रीय महत्व का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। साथ ही, आयोजन के समुचित संचालन में प्रयुक्त विभिन्न संगठनात्मक रणनीतियों, उत्पन्न होने वाली चुनौतियों, और उपलब्धियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। अध्ययन में प्रशासनिक प्रबंधन के विभिन्न आयामों, जैसे विभागों के बीच समन्वय, बुनियादी ढांचे का विकास, जनसंचार प्रबंधन, तथा जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता पर गहन चर्चा की गई है।प्रस्तुत शोध पत्र विशेष रूप से इस बात पर जोर देता है कि सिंहस्थ मेला 2016 के आयोजन में पिछली घटनाओं से प्राप्त पाठों को कैसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, ताकि सुरक्षा और दक्षता के उच्चतम मानकों को प्राप्त किया जा सके। इस संदर्भ में, मेलों के आयोजनों से पहले किए गए प्रबंधन सुधारों और रणनीतियों की पहचान की गई है, जो सिंहस्थ 2016 के आयोजन को एक आदर्श मॉडल बनाने में सहायक सिद्ध हुईं।अध्ययन का निष्पादन द्वितीयक स्रोतों, जैसे सरकारी रिपोट्र्स, संबंधित विभागों द्वारा प्रकाशित पुस्तिकाएँ, मीडिया लेख, और अन्य प्रलेखों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किया गया है। इन स्रोतों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए, सिंहस्थ मेला 2016 के प्रशासनिक प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया गया।