
-
October to December 2024 Article ID: NSS8880 Impact Factor:8.05 Cite Score:14479 Download: 169 DOI: https://doi.org/ View PDf
प्राचीन भारत में चिकित्सा व्यवस्था
शिवलाल
एम ए. नेट (इतिहास) गांव लालपुरा पोस्ट,तह-चितलवाना जालौर (राज.)
प्रस्तावना- भारत में प्राचीन काल से ही चिकित्सा कि एक सुव्यवस्थित
परम्परा रही है। विभिन्न प्रकार के रोग और उनका उपचार के तरीको का भारतीय साहित्य में
उल्लेख मिलता है। सिंधु घाटी सभ्यता से भारत में चिकित्सा प्रणाली के बारे में जानकारी
मिलती है। कालीबंगा से एक ऐसा शव मिला जिसके मस्तिष्क में 6 छेद मिले है, इसी तरह का
एक अवशेष लोथल से भी प्राप्त हुआ है। ऋग्वेद
में अश्विन को देवताओं का कुशल वैद्य कहा गया है जो अपने औषधो से रोगों को दूर करने
में निपुण थे। अथवर्वेद में विविध प्रकार के ज्वरो, यक्ष्मा, अपचित, अतिसार, जलोदर
जैसे रोगों के प्रकार एंव उनकी चिकित्सा का विधान प्रस्तुत किया गया। अथर्ववेद के विषस्य
विषमौषधम अर्थात विष कि दवा विष होती है का उल्लेख अथर्ववद में मिलती है।














