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January to March 2025 Article ID: NSS9055 Impact Factor:8.05 Cite Score:271 Download: 20 DOI: https://doi.org/ View PDf
भीलवाड़ा जिले में वास्तु का तथा मानव का अन्तःसम्बन्ध का अध्ययन
डॉ. नीता सीकलीगर
पोस्ट डॉक्टारोल फैलो (संस्कृत) मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय,उदयपुर (राज.)
प्रस्तावना- प्रस्तुत शोध पत्र भीलवाडा़
जिले में भवनों के वास्तु और मानव अन्तःसम्बन्ध पर आधारित है। वास्तु का हमारे जिंदगी
घर परिवार सब पर प्रभाव पड़ता है वो भी गहरा प्रभाव पड़ता है,लेकिन कई लोग इसका प्रभाव
को आनयास ही महसूस कर लेते हैं तो कई लोगों को ध्यान देने पर इसका प्रभाव दिखाई देता
है। वास्तु का सूक्ष्म प्रभाव को हर कोई आसानी से नहीं समझ सकता लेकिन नहीं समझ सकता
इसका अर्थ ये कतई नहीं है कि वास्तु का कोई प्रभाव ही नहीं है। बहुत से लोग अपने घर
में हमेशा वस्तुवों को व्यवस्थित करते रहते हैं उन्हें देखकर बहुत से लोगों को लगता
है इसकी तो अभी कोई आवश्यकता ही नहीं थी या ये तो ठीक ठाक रखा हुआ था। शरीर मे होने
वाले रोग को शरीरदोष कहते है मकान,दुकान, मन्दिर,नगर,गांव को सही ढंग से न बनाने को
वास्तु दोष कहते है हर स्थान के दोष कि अलग अलग हानी लाभ होते है।














