• January to March 2025 Article ID: NSS9059 Impact Factor:8.05 Cite Score:455 Download: 28 DOI: https://doi.org/ View PDf

    भारतेन्दुयुगीन राज्योन्मुख राष्ट्रीयता

      प्रियंका शर्मा
        छात्रा,एम.ए. (उत्तरार्ध) (हिंदी) मेवाड़ विश्वविद्यालय, गंगरार (राज.)

प्रस्तावना- भारतेन्दु युग को हिंदी साहित्य का नवजागरण काल कहा जाता है। इस युग में राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और सामाजिक सुधार की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। "राज्योन्मुख राष्ट्रीयता" अर्थात उस राष्ट्रीय भावना का विकास जो तत्कालीन सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्थितियों से जुड़ा हुआ था। भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने अपने लेखन के माध्यम से उस समय की राजनैतिक विसंगतियों को उजागर किया और जनमानस में राष्ट्रभक्ति की भावना को बल दिया।हिन्दी कविता के विकास क्रम में आधुनिक हिन्दी कविता ने नये सोपान निर्मित किए और कविता को युग के अनुरूप दिशा प्रदान की। आधुनिक हिन्दी कविता के प्रत्येक युग एक समान न होते हुए भी परस्पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।आधुनिक हिन्दी कविता में राष्ट्रीय चेतना का एक नवीन रूप सामने आता हैतब उस समय भारतवर्ष अंग्रेजी शासन का गुलाम मानसिक रूप से हो चुका था। भारतीय इतिहास के सामाजिक-धार्मिक पुनर्जागरण के समानांतर आधुनिक काल हिन्दी साहित्य का नवजागरण का काल है। आधुनिक हिन्दी कविता की राष्ट्रीय चेतना के महत्त्व के बारे में शिवदान सिंह चौहान कहते हैं- "आधुनिक हिन्दी कविता राष्ट्रीय जागरण के क्रोड़ में विकसित हुई है।"1