• January to March 2025 Article ID: NSS9064 Impact Factor:8.05 Cite Score:49 Download: 7 DOI: https://doi.org/ View PDf

    बड़े घर की बेटी पारिवारिक विघटन की कथा

      रीता मौर्य
        शोधार्थिनी (हिंदी) महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी (उ.प्र.)

प्रस्तावना- आपका जन्म बनारस से चार मील दूर लमही गांव में सावन बदी 10, संवत् 1937 (31 जुलाई सन् 1880 ई0) शनिवार को हुआ था। पिता का नाम अजायब राय था। माता का नाम आनंदी देवी आप कायस्थ दूसरे श्रीवास्तव थे। आपके तीन बहने थीं। उनमें दो तो मर गयीं, तीसरी बहुत दिनों जीवित रहीं। उस बहन से आप 8 वर्ष छोटे थे। तीन लड़कियों के पीठ पर होने से आप तेंतर कहलाते थे। आपके दो नाम और थे - पिता का रखा नाम मुंशी धनपत राय, चाचा का रखा नाम मुंशी नवाब राय। माता-पिता दोनों को संग्रहणी की बीमारी थी। पैदा होने के दो-तीन साल बाद आपको जिला बांदा जाना पड़ा आपकी पढ़ाई पांचवें वर्ष शुरू हुई पहले मौलवी साहब से उर्दू पढ़ते थे। उन मौलवी साहब के दरवाजे पर सब लड़कों के साथ पढ़ने जाते थे आप पढ़ने में बहुत तेज थे। लड़कपन में आप बहुत दुर्बल थे आपकी विनोद प्रियता का परिचय लड़कपन से ही मिलता है। एक बार की बात है- कई लड़के मिलकर नाई-नाई खेल रहे थे। आपने एक लड़के की हजामत बनाते हुए बाँस की कमानी से उसका कान ही काट लिया। उस लड़के की माँ झल्लाई हुई उनकी माता से उलाहना देने आयी। आपने जैसे ही उसकी आवाज सुनी, खिड़की के पास दुबक गये। माँ ने दुबकते हुए उन्हें देख लिया था पकड़कर चार झापड़ दिये।