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January to March 2025 Article ID: NSS9067 Impact Factor:8.05 Cite Score:433 Download: 25 DOI: https://doi.org/10.63574/nss.9067 View PDf
चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य और उज्जैयिनी सामंत राव वेताल भट्ट का परिचय
मंगल सिंह बुटड़ेसा
छात्र,एम.ए.(उत्तरार्ध) (इतिहास) मेवाड़ विश्वविद्यालय, गंगरार,चित्तौड़गढ़ (राज.)डॉ.हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत
सह-आचार्य (इतिहास) मेवाड़ विश्वविद्यालय,गंगरार, चित्तौड़गढ़ (राज.)
प्रस्तावना-
भारत का इतिहास
बहुत ही गौरव शाली रहा है। परमार (पंवार) राजवंश के महान पुरूष चक्रवर्ती सम्राट
विक्रमादित्य और उनके प्रमुख सामंत राव वेताल भट्ट का इतिहास बहुत कम ही उपलब्ध हो
पाता है।
सम्राट
विक्रमादित्य का पराक्रम, शौर्य व दानवीरता अद्भुत थी।
इन्हें पूरे भारत वर्ष में न्याय सम्राट के रूप में जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों
ने विक्रमादित्य को काल्पनिक बताने की चेष्टा की और वेताल भट्ट को कहानियों से
जोड़ कर कल्पना मात्र बता दिया जबकि विक्रम - वेताल कथाओं पर आधारित वेताल पच्चीसी
के रचियता वेताल भट्ट को माना गया है। विक्रमादित्य के प्रमुख सामंत वेताल भट्ट एक
योद्धा थे जिनकी हर युद्ध में अभियान में विक्रमादित्य के साथ महत्वपूर्ण भूमिका
रहती थी और महाराज विक्रमादित्य की सभा में नौ रत्नों में वेताल जी को प्रमुख
स्थान प्राप्त था।














