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January to March 2025 Article ID: NSS9108 Impact Factor:8.05 Cite Score:17 Download: 3 DOI: https://doi.org/ View PDf
डिजीटल भुगतान की दिशा में ई- वॉलेट प्रणाली की बढ़ती उपयोगिता का अध्ययन
डॉ. दीपिका यादव
सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, श्री नीलकण्ठेश्वर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिविल लाईन, खण्डवा (म.प्र.)
प्रस्तावना - आधुनिक युग उन्नत तकनीकों
का युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आज नित्यनई तकनीकों का अविष्कार एवं प्रयोग
हो रहा है। व्यावसायिक जगत भी नवीन तकनीकों के प्रयोग से अछूता नहीं है। परंपरागत व्यावसायिक
प्रणाली के स्थान पर आज ऑनलाइन व्यावसायिक प्रणाली अधिक प्रचलन में है। ई-कॉमर्स प्रणाली
के आ जाने से व्यापारी वर्ग एवं उपभोक्ता वर्ग के मध्य भुगतान की प्रणालियों में भी
परिवर्तन देखने को मिला है। आज का ग्राहक परंपरागत नकदी भुगतान के स्थान पर ऑनलाइन
भुगतान प्रणाली को अधिक वरीयता प्रदान करता है। आज के दौर में डिजीटल भुगतान लेन-देन
का सबसे सरल एवं प्रचलित माध्यम बनकर उभरा है इस तकनीक ने परंपरागत नकदी भुगतान प्रणाली
की जटिलताओं को समाप्त करते हुए लेन-देन को अधिक त्वरित, सुरक्षित, विश्वसनीय एवं सुविधाजनक
बना दिया है। आज के युग में ऑनलाइन भुगतान या डिजीटल भुगतान के विभिन्न विकल्प मौजूद
है जैसे:- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, RTGS, NEFT एवं UPI या ई-वॉलेट आदि। इन सभी
माध्यमों में से अधिक सुविधायुक्त माध्यम है ई-वॉलेट भुगतान। सामान्यतः ई-वॉलेट भुगतान
प्रणाली को ही डिजीटल भुगतान प्रणाली की संज्ञा दी जाती है, किन्तु वास्तव में डिजीटल
भुगतान प्रणाली भुगतान का एक इलेट्रॉनिक माध्यम है जिसके अन्तर्गत डेबिट कार्ड, क्रेडिट
कार्ड, मोबाईल वॉलेट एवं यूपीआई आदि सभी के द्वारा भुगतान किया जाना समाहित होता है,
जबकि ई-वॉलेट भुगतान का वह माध्यम है जिसका प्रयोग मोबाईल एप के माध्यम से किया जाता
है। भारत में विभिन्न प्रकार की ई-वॉलेट कंपनियाँ मौजूद है जो कि ग्राहकों को त्वरित
भुगतान, होटल, बिजली, टिकिट भुगतान, मोबाईल रिचार्ज, ऋण पुनर्भुगतान, किराया, बीमा
एवं यातायात सुविधाओं जैसी अनेक सुविधाएँ एक क्लिक पर उपलब्ध कराती है। जिनमें मुख्यतः
Bhim, Phone-Pay, G-Pay, Amazon-Pay, Paytm आदि अधिक प्रचलित ई-वॉलेट कंपनियाँ है,
जो कि अपने ग्राहकों के लिए अपनी भुगतान प्रक्रिया को अधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाने
हेतु कार्यरत है, चूँकि इस तकनीक के अन्तर्गत भुगतान एक बटुए की भाँति होने वाले भुगतान
की तरह इलेट्रॉनिक माध्यम से किया जाता है इसलिए ही इसे ई-वॉलेट भुगतान प्रणाली की
संज्ञा दी जाती है। भारत में कोरोना महामारी के उपरान्त ई-भुगतान प्रणाली का प्रचलन
अधिक बढ़ गया है। आज हम सभी कहीं न कहीं ई-भुगतान प्रणाली का प्रयोग अवश्य कर रहे है,
जो इस तकनीक की लोकप्रियता की कहानी स्वयं ही कहता है।














