• April to June 2025 Article ID: NSS9136 Impact Factor:8.05 Cite Score:7 Download: 2 DOI: https://doi.org/ View PDf

    भूमि उपयोग परिवर्तन का मूल्यांकन एवं उसका भोपाल महानगरीय उपातं की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर प्रभाव

      डॉ. दुर्गेश कुर्मी
        सहायक प्राध्यायपक (भूगोल) उच्चय शिक्षा उत्कृ्ष्टेता संस्थाान, भोपाल (म.प्र.)

शोध सारांश- मानवीय आर्थिक गतिविधियों के फलस्वरूप भूमि उपयोग में तीव्र गति से लगातार परिवर्तन हो रहे हैं । भूमि उपयोग परिवर्तन संबंधी आंकड़ों की सटीक उपलब्धता प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण प्रबंधन, नियोजन, निगरानी, प्रशासनिक योजनाओं जैसे अनेक अनुप्रयोगों के लिए अतिमहत्वपूर्ण होते हैं । भूमि उपयोग परिवर्तन का मूल्यांकन समस्थानिक विधि से दशकीय आधार पर 2001 से 2021 तक कृषि भूमि, निर्माण क्षेत्र, जलीय निकाय, वन भूमि, बंजर भूमि आदि चरों का प्रयोग किया गया है, जिसमें लैण्डसेट 5टीएम 2001, लैण्डसेट 7ईटीएम 2011 एवं लैण्डसेट 8ओएलआई 2021 जैसी सेटेलाइट इमेजरी का उपयोग कर आर्क जीआईएस सॉफटवेयर के माध्यम से विश्लेषण किया गया । भोपाल महानगर में भूमि उपयोग परिवर्तन का प्रमुख कारण नगरीय फैलाव है, जो कि महानगर के दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम दिशा में अप्रत्याशित रूप से हो रहा है । 2001 से 2021 के मध्य भोपाल महानगर के भूमि उपयोग में क्रमश: कृषि भूमि, जलीय निकाय, वन भूमि, बंजर भूमि में 33%, 17.27%, 42%, 7.36% का ह्रासात्मक एवं निर्माण क्षेत्र में 316% की सकारात्मक परिवर्तन देखा गया । इसके परिणामस्वरूप महानगरीय उपातं पृष्ठभूमि पर सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव जैसे पारस्परिक सामाजिक संबंधों की कमी, पारस्परिक समन्वय एवं समरस्ता की कमी, व्यवसायिक संरचना में परिवर्तन तथा जीवन स्तर पर प्रभाव आदि स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं ।

शब्द कुंजी - भूमि उपयोग परिवर्तन, नगरीय फैलाव, भोपाल महानगर।