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January to March 2025 Article ID: NSS9142 Impact Factor:8.05 Cite Score:11 Download: 3 DOI: https://doi.org/ View PDf
कथाकार शिवानी के कथा साहित्य में सामाजिक समस्याएँ वर्तमान परिवेश में प्रासंगिकता
रेखा शर्मा
शोधार्थी, स्कूल ऑफ आट्र्स एंड सोशल साइंस, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, बालाघाट (म.प्र.)डॉ. संध्या बिसेन
विभागाध्यक्ष (हिन्दी) स्कूल ऑफ आट्र्स एंड सोशल साइंस, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, बालाघाट (म.प्र.)
प्रस्तावना- साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्य और समाज एक दूसरे
के पूरक है। साहित्य और समाज का घनिष्ठ संबंध है। एक साहित्यकार समाज मे उपस्थित वर्तमान,
देशकाल परिस्थतियों को दृष्टिगत रखते हुए साहित्य का निर्माण करता है। साहित्यकार समाज
में व्याप्त समसामयिक परिस्थतियों को केन्द्र में रखकर ही साहित्य का निर्माण करता
है। भारतीय संस्कृति एवं समाज की धरोहरो को सहेजने का कार्य करता है।














