• July to September 2024 Article ID: NSS8760 Impact Factor:8.05 Cite Score:1685 Download: 56 DOI: https://doi.org/ View PDf

    धार जिले से पलायन के कारण और राजनीतिक प्रभाव

      शिवराम देवके
        शोधार्थी (राजनीति विज्ञान) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू (म.प्र.)
      डॉ. मनिष चैधरी
        सहायक प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) शासकीय आदर्श स्नातोक्तर महाविद्यालय, झाबुआ (म.प्र.)
  • शोध सारांश- ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जिसमे, परिवहन सुविधाए, सड़क, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाए, विद्युत आपूर्ति, पेयजल सुविधा, रोजगार तथा उचित न्याय व्यवस्था आदि शामिल है। गांवों की दशा सुधारने के लिए एक अप्रैल 2010 में लागु हुए शिक्षा का अधिकार कानून से इस समस्या के समाधान की आशा की जा सकती है। इस कानून से गांवों के स्कूलों की स्थिति, अध्यापकों की उपस्थिति और बच्चों के दाखिले में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया हैं । सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से इस कानून को लागू करके गांवो में शिक्षा का प्रकाश फैलाने से रोजगार के अवसर बढेगंे। वही असमानता, शोषण, भ्रष्टाचार तथा भेदभाव में कमी होगी जिसके फलस्वरूप ग्रामीण जीवन बेहतर बनेगा । इस अभियान के तहत तीन लाख से अधिक नये स्कूल खोले गए जिसमें आधे से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए है ।          

        आजादी के बाद पंचायती राज व्यवस्था में सामुदायिक विकास तथा योजनाबद्ध विकास की अन्य अनेक योजनाओं के माध्यम से गांवो की हालत बेहतर बनाने और गांव वालों के लिए रोजगार के अवसर जूटाने पर ध्यान केद्रित किया जाता रहा हैं । 97 वें संविधान संशोधन के जरिये पंचायती राज संस्थाओं को अधिक मजबूत तथा अधिकार- सम्पन्न बनाया गया और ग्रामीण विकास में पंचायतांे की भूमिका काफी बढ़ गई है पंचायतो में महिलाओं व उपेक्षित वर्गो के लिए आरक्षण से गांवों के विकास की प्रक्रिया में सभी वर्गो की हिस्सेदारी होने लगी है। इस प्रकार से गांवो में शहरो जैसी बुनियादी जरूरतें उपलब्ध करवाकर पलायन की प्रवृत्ति को सुलभ साधनो से रोका जा सकता है।