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October to December 2024 Article ID: NSS8848 Impact Factor:8.05 Cite Score:5991 Download: 108 DOI: https://doi.org/ View PDf
मुस्लिम विवाह और विधि-एक विश्लेषण
डॉ. ज़ाकिर खान
प्राचार्य, सांदीपनि विधि महाविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
प्रस्तावना- मुस्लिम विवाह (निकाह) एक अनुबंध है जो धार्मिक, सामाजिक,
और कानूनी महत्व रखता है। इसे इस्लामी कानून के तहत अनिवार्य बताया गया है, जिसका उद्देश्य
केवल पति-पत्नी के बीच संबंध स्थापित करना नहीं है, बल्कि परिवार, समाज, और धर्म के
प्रति उनकी जिम्मेदारियों को सुनिश्चित करना है। विवाह एक संस्था हैं। ‘‘यह संस्था
मानव सभ्यता का आधार हैं।‘’ कुरान में लिखा हैं, कि ‘‘हमने पुरूषो को स्त्रीयों पर
हाकिम (अधिकारी) बनाकर भेजा हैं।‘’ दूसरो शब्दो में मुस्लिम विधि में पत्नी की अधिनता
स्वीकार की गई हैं। निकाह (विवाह) का शाब्दिक अर्थ हैं- स्त्री और पुरूष यौन-संयोग
और विधि में इसका अर्थ हैं-‘‘विवाह’’ बेली के सार-संग्रह में विवाह की परिभाषा स्त्री
पुरूष के समागम को वैध बनाने और संतान उत्पन्न करने के प्रयोजन के लिये की गई संविदा
के रूप में की गई हैं।














